आजकल टेलीविजन के सामने शाम को 7:00 बजे बैठे और किसी भी चैनल पर डिबेट देख हैं तो अक्सर ही हमें भारत और पाकिस्तान के बीच टीवी स्टूडियोज में एक युद्ध देखने को मिलता है। भारत के पत्रकार ऊंची ऊंची आवाज में पाकिस्तान के पत्रकारों से दिल खोल के विचित्र विचित्र बातों का आदान प्रदान करते हैं। मेरी समझ में एक बात नहीं आती कि हम भारत की तुलना पाकिस्तान के साथ क्यों कर रहे हैं पाकिस्तान खुद ही एक टूटा फूटा मुल्क है जिसकी इकोनामी लगातार गर्त में जा रही है वहां पर सामान्य लोगों के साथ हो रहे अत्याचार और उनकी जिंदगी के गिरते स्तर को कोई भी नकार नहीं सकता तो फिर भारतीय पत्रकार जो कि ऊंची ऊंची के जहाजों में क्रिकेट मैच का विरोध करते हैं वह क्यों शाम को 7:00 बजे पाकिस्तान के पत्रकारों को न्योता देकर उन्हें यह बताते हैं कि हम उनसे आगे हैं। बेशक भारत पाकिस्तान से लाख गुना ज्यादा आगे है परंतु क्या हमारी इकोनॉमी की यह रफ्तार 135 करोड़ लोगों को संभालने के लिए पर्याप्त है? बेशक नहीं हालिया सर्वेक्षण में भारतीय सरकार द्वारा 200 मिलियन से ज्यादा लोगों को गरीबी रेखा से ऊपर लाया गया जो कि एक बेहद सराहनीय