बलूचिस्तान क्यों है पाकिस्तान से परेशान?
बलूचिस्तान पाकिस्तान में स्थिति एक ऐसा प्रांत है जिसे पाकिस्तान चैन से जीने नहीं दे रहा। बलूचिस्तान में प्रकृति द्वारा दी हर चीज उपलब्ध है। प्राकृतिक संसाधनों से संपन्न बलूचिस्तान सुविधाओं के नाम पर कुछ भी नहीं है। पढ़ने के लिए स्कूल नहीं है, पीने के लिए साफ पानी नहीं है, इलाज के लिए अस्पताल नहीं है, खाने के लिए खाना तक उपलब्ध नहीं होता वहां पर।
इतना सब होने के बावजूद भी बलूचिस्तान के लोग रह लेते किसी तरीके से परंतु पाकिस्तान है कि मानता ही नहीं वहां पर लोगों को जबरदस्ती उठाकर ले जाते हैं और फिर वो वापस नहीं आते। पाकिस्तान की फौज बलोच महिलाओं के साथ बलात्कार करती हैं छोटी बच्चियों को उठाकर ले जाते हैं घर में नौजवान पुरुषों को ले जाकर आतंकवाद की ट्रेनिंग देते हैं जिन्हें वह बाद में भारत के खिलाफ इस्तेमाल करने के काम में लाता है।
शायद पाकिस्तान का यही बढ़ता है जो केवल उच्च लोगों को विद्रोह करने पर मजबूर कर रहा है और वही अलग देश की मांग कर रहे हैं, ऐसा देश जहां पर उनके छोटे बच्चों को मौत का डर नहीं होगा , भूख का डर नहीं हुआ, एक ऐसा देश जहां पर उनकी महिलाएं सुरक्षित होंगी पाकिस्तानी फौज से।
यही वजह है कि बलूचिस्तान इतना हताश और परेशान हो चुका है कि वह अब हर कीमत पर पाकिस्तान से अलग होना चाहता है और शायद इसीलिए बलूच नेता अपनी मांगों को विश्व पटल पर जोर शोरों से उठाने पर लगे हुए हैं।
पाकिस्तानी सेना के इस प्रकार लोगों पर किए जा रहे अत्याचार की ओर ध्यान आकर्षित करने के लिए बलूच लोगों ने लंदन शहर में आयोजित हुए क्रिकेट विश्व कप दौरान हवाई जहाज के माध्यम से पूरी दुनिया का ध्यान आकर्षित किया।
पाकिस्तानी सेना आए दिन बलूच नेताओं को उठा कर जेल में डाल देती है और उन्हें इतनी यात्राएं देती है कि कई बलूच नेता तो जेल के अंदर ही मृत्यु को प्राप्त हुए हैं।
यह कहना गलत नहीं होगा कि पाकिस्तानी सेना ने बलूचिस्तान में बर्बरता की सारी हदें पार कर दी।
अब समय बीत चुका है अब बहुत हुआ पाकिस्तानी सेना का यह कत्लेआम, अब बातों का समय नहीं रहा अब विश्व के सारे देश एक साथ आएं और बलूच लोगों का साथ दें।
पाकिस्तान बलूचिस्तान में 1971 वाली गलती फिर से दोहरा रहा है।
बांग्लादेश के निर्माण की सबसे बड़ी बाजार थी वहां पर पाकिस्तान पाकिस्तान सेना द्वारा किया जा रहा नरसंहार। पाकिस्तानी सेना ने क्रूरता सारी हदें पार कर दी थी। जिस वजह से भारत को दखल देना पड़ा देना पड़ा और नतीजा सबके सामने है , आज बांग्लादेश पाकिस्तान से हर मामले में आगे निकल चुका है।
बलूचिस्तान में भारत का रोल
पाकिस्तानी सेना द्वारा बलूचिस्तान में किए जा रहे नरसंहार को अब भारत ज्यादा समय तक नजरअंदाज नहीं कर सकता।
अब वक्त आ गया है कि भारत बलूचिस्तान में पाकिस्तानी सेना द्वारा किए जा रहे नरसंहार पूरी दुनिया को अवगत कराएं और खुद भी एक महत्वपूर्ण योगदान दे । दुनिया के महत्वपूर्ण देशों और संयुक्त राष्ट्र संघ को भरोसे में लेना शुरू करें और उन्हें बताए क्यों बलूचिस्तान की आजादी अब जरूरी हो गई है वहां के लोगों को पाकिस्तानी सेना के आतंक से बचाने के लिए।
वैसे भी जम्मू कश्मीर में धारा 370 के खत्म होने के बाद पाकिस्तान भारत को परमाणु युद्ध की धमकी बार-बार दे रहा है। भारत-पाकिस्तान पहले से ही आत्मरक्षा के लिए युद्ध शुरू कर दें और पाकिस्तान से बलूचिस्तान को आजाद करें। इस युद्ध में बलूच निवासी पूरी तरह से भारतीय सेना का साथ देंगे
और यह काम भारतीय सेना 6 से 7 दिनों में बड़े आराम से कर लेगी।
इसका फायदा यह होगा कि पाकिस्तान मैं पनप नहीं आतंकी कमर टूट जाएगी और पूरी दुनिया में शांति बहाल होगी जिसका फायदा भी भारत को मिलेगा।
बलूचिस्तान पाकिस्तान में स्थिति एक ऐसा प्रांत है जिसे पाकिस्तान चैन से जीने नहीं दे रहा। बलूचिस्तान में प्रकृति द्वारा दी हर चीज उपलब्ध है। प्राकृतिक संसाधनों से संपन्न बलूचिस्तान सुविधाओं के नाम पर कुछ भी नहीं है। पढ़ने के लिए स्कूल नहीं है, पीने के लिए साफ पानी नहीं है, इलाज के लिए अस्पताल नहीं है, खाने के लिए खाना तक उपलब्ध नहीं होता वहां पर।
इतना सब होने के बावजूद भी बलूचिस्तान के लोग रह लेते किसी तरीके से परंतु पाकिस्तान है कि मानता ही नहीं वहां पर लोगों को जबरदस्ती उठाकर ले जाते हैं और फिर वो वापस नहीं आते। पाकिस्तान की फौज बलोच महिलाओं के साथ बलात्कार करती हैं छोटी बच्चियों को उठाकर ले जाते हैं घर में नौजवान पुरुषों को ले जाकर आतंकवाद की ट्रेनिंग देते हैं जिन्हें वह बाद में भारत के खिलाफ इस्तेमाल करने के काम में लाता है।
शायद पाकिस्तान का यही बढ़ता है जो केवल उच्च लोगों को विद्रोह करने पर मजबूर कर रहा है और वही अलग देश की मांग कर रहे हैं, ऐसा देश जहां पर उनके छोटे बच्चों को मौत का डर नहीं होगा , भूख का डर नहीं हुआ, एक ऐसा देश जहां पर उनकी महिलाएं सुरक्षित होंगी पाकिस्तानी फौज से।
यही वजह है कि बलूचिस्तान इतना हताश और परेशान हो चुका है कि वह अब हर कीमत पर पाकिस्तान से अलग होना चाहता है और शायद इसीलिए बलूच नेता अपनी मांगों को विश्व पटल पर जोर शोरों से उठाने पर लगे हुए हैं।
पाकिस्तानी सेना के इस प्रकार लोगों पर किए जा रहे अत्याचार की ओर ध्यान आकर्षित करने के लिए बलूच लोगों ने लंदन शहर में आयोजित हुए क्रिकेट विश्व कप दौरान हवाई जहाज के माध्यम से पूरी दुनिया का ध्यान आकर्षित किया।
पाकिस्तानी सेना आए दिन बलूच नेताओं को उठा कर जेल में डाल देती है और उन्हें इतनी यात्राएं देती है कि कई बलूच नेता तो जेल के अंदर ही मृत्यु को प्राप्त हुए हैं।
यह कहना गलत नहीं होगा कि पाकिस्तानी सेना ने बलूचिस्तान में बर्बरता की सारी हदें पार कर दी।
अब समय बीत चुका है अब बहुत हुआ पाकिस्तानी सेना का यह कत्लेआम, अब बातों का समय नहीं रहा अब विश्व के सारे देश एक साथ आएं और बलूच लोगों का साथ दें।
पाकिस्तान बलूचिस्तान में 1971 वाली गलती फिर से दोहरा रहा है।
बांग्लादेश के निर्माण की सबसे बड़ी बाजार थी वहां पर पाकिस्तान पाकिस्तान सेना द्वारा किया जा रहा नरसंहार। पाकिस्तानी सेना ने क्रूरता सारी हदें पार कर दी थी। जिस वजह से भारत को दखल देना पड़ा देना पड़ा और नतीजा सबके सामने है , आज बांग्लादेश पाकिस्तान से हर मामले में आगे निकल चुका है।
बलूचिस्तान में भारत का रोल
पाकिस्तानी सेना द्वारा बलूचिस्तान में किए जा रहे नरसंहार को अब भारत ज्यादा समय तक नजरअंदाज नहीं कर सकता।
अब वक्त आ गया है कि भारत बलूचिस्तान में पाकिस्तानी सेना द्वारा किए जा रहे नरसंहार पूरी दुनिया को अवगत कराएं और खुद भी एक महत्वपूर्ण योगदान दे । दुनिया के महत्वपूर्ण देशों और संयुक्त राष्ट्र संघ को भरोसे में लेना शुरू करें और उन्हें बताए क्यों बलूचिस्तान की आजादी अब जरूरी हो गई है वहां के लोगों को पाकिस्तानी सेना के आतंक से बचाने के लिए।
वैसे भी जम्मू कश्मीर में धारा 370 के खत्म होने के बाद पाकिस्तान भारत को परमाणु युद्ध की धमकी बार-बार दे रहा है। भारत-पाकिस्तान पहले से ही आत्मरक्षा के लिए युद्ध शुरू कर दें और पाकिस्तान से बलूचिस्तान को आजाद करें। इस युद्ध में बलूच निवासी पूरी तरह से भारतीय सेना का साथ देंगे
और यह काम भारतीय सेना 6 से 7 दिनों में बड़े आराम से कर लेगी।
इसका फायदा यह होगा कि पाकिस्तान मैं पनप नहीं आतंकी कमर टूट जाएगी और पूरी दुनिया में शांति बहाल होगी जिसका फायदा भी भारत को मिलेगा।
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